तिलक
मस्तक पर तिलक क्यों लगाना चाहिए -?
तिलक मस्तक पैर दोनों भौहो के बीच नासिका के ऊपर प्रारम्भिक स्थल पर लगाए जाते है।
जो हमारे चिंतन मनन का भी स्थान है। सौभाग्यसूचक द्रव्य जैसे चन्दन , केशर , कुमकुम
आदि का तिलक लगाने से सात्विक एवं तेजपूर्ण होकर आत्मविश्वास में अभूतपूर्ण बृद्धि होती है।
मन में निर्मलता , शांति एवं सयम में बृद्धि होती है।
वैज्ञानिक महत्त्व
ललाट पर तिलक धारण करने से मस्तिक को शांति मिलती है तथा बीटाएंडोरफीन और सेरेटोनिन
नामक रसायनो का स्त्राव संतुलित मात्रा में होने लगता है इन रसायनो की कमी से उदासीनता और
निराशा के भाव पनपने लगते है। अतः तिलक उदासीनता और निराशा से मुक्ति प्रदान करने में
सहायक है। विभिन्न द्रव्यों से बने तिलक की उपयोगिता और महत्ता अलग अलग है।
सामाजिक महत्त्व
समाज में तिलक आप की शोभा बढ़ता है। आपके मुख को लोगो के बिच अलग पहचान दिलाता है। लोगो के आकर्षण का केन्द्र बना रहता है।
घर में किसी शुभ काम के दौरान तिलक लगाने का बहुत महत्त्व है। हम पूजा के दौरान या समारोह में मुख्य अतिथि की भूमिका के रूप में तिलक जरूर लगते है। उस समय हमें तिलक लगवाने में अपने आप में बहुत शोभा महसूस होती है।
तिलक समाज में शौर्य का प्रतिक है। पुराने ज़माने में जब कोई राजा किसी युद्ध के लिए जाता था, तो उसकी रानी उसके विजय कामना के लिए उसे विजय का तिलक लगा कर आरती कर के युद्ध के लिए रवाना करती थी। और विजय हो कर लौटने पर भी विजय तिलक लगाती थी।
अगर किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाया जाता था तो भी राज तिलक की प्रथा भी, जो आज कल रस्म पगड़ी के नाम से जनि जाती है।
आज भी भारत के बहुत बड़े वर्ग में तिलक लगाने का प्रचलन है। कोई किसी को जबरन लगाने को नहीं कहता, सबकी अपनी खुद की इच्छा और अपने मन का आनंद होता है। जो वो खुद अपने आप लगते है।
तिलक की महिमा का बखान हरी दास जी ने भी किया है ......
जो मैं आप लोगो के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
महिमा भारी तिलक की , को कर सके बखान।
आप तिलक को मानिये , श्री विष्णू भगवान ।।
जिसके माथे पर तिलक , की होती है छाप।
भूत प्रेत ही दूर से , भग जाते चुपचाप ।।
माथे की शोभा तिलक , तिलक हमारी शान।
बिना तिलक माथा लगे , बिल्कुल ही सुनसान ।।
तिलक करे परिवार को , शक्ति शांति प्रदान।
आप लगाकर देखिये , हो जाये कल्याण ।।
तन मन को शीतल करे , ये चंदन की छाप।
कट जाते है लगाते , जन्म जन्म के पाप ।।
तिलक लगाने से मिले , बुद्धि ज्ञान सम्मान।
तिलक हमारे धर्म की , होती है पहचान ।।
वैष्णव जन के तिलक में , विष्णु लक्ष्मी निवास।
इसीलिये इस तिलक की , महिमा सबसे खास ।।
बिना तिलक होता नहीं , कोई पूजा पाठ।
तिलक लगायें आप सब , सदा रहेंगा ठाठ ।
श्री हरिदास
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