बुधवार, 28 दिसंबर 2022
पैसा क्यों कमाना पड़ता है !
गुरुवार, 23 दिसंबर 2021
7 दिन में वजन कम करने के उपाय - Tips for weight loss in seven days
💥 रोजाना सुबह 💥
सुबह जल्दी उठ कर भिगोए हुए :-
(आधा चम्मच सौंफ एक चम्मच पर्ल जौ साथ में 5 या 6 करी पत्ता ) साथ में एक चम्मच विट ग्रास जूस एक चम्मच एलोविरा डी टास्क जूस एक चम्मच सन फ्लावर सीट्स एक चम्मच पम्प किन सीट्स पिए ।
जिम करने के बाद ग्रीन जूस :-
1- स्टेम सलिरी
2 - 5 से 6 पुदीने के पत्ते
3 - एक चम्मच चिआ सीट्स ( रात से भिगोए हुए )
4 - आधा सेव , एक आवला और आधा खीरा
इन सब को मिलाकर काला नमक , नीबू , जीरा पावडर भुना हुआ - डाल कर पिए ।
गुरुवार, 2 दिसंबर 2021
सुनहरी यादें 😓😓😇
बिल्ली - 🐹 और चूहा 🐀
बिल्ली 🐹 मौसी चली बनारस लेकर झोला डंडा,
गंगा तट पर मिला उसे तब मोटा 🐀 चूहा पांडा ।
चूहा बोला बिल्ली मौसी चलो करा दू पूजा ,
मुझ सा पंडा यहाँ घाट पर नहीं मिलेगा दूजा ।।
बिल्ली बोली ओ पंडा जी भूख लगी है भारी,
पूजा नहीं , पेट पूजा की करो तुरत तैयारी ।
समझा चूहा बिल्ली मौसी का , जो पंगा जी में ,
टिका - चन्दन छोड़ घाट - पर कूदा गंगा जी में ।।
--------😁😁------------
मंगलवार, 30 नवंबर 2021
मेरा बनारस
गंगा के घाटों की रौनक ,
जैसे एक सपना सा लगता है ।
अनजान कोई भी हो ,
बनारस सब को अपना सा ही लगता है ।। .........
💦💦💗💦💦
शनिवार, 27 नवंबर 2021
तिलक
तिलक
मस्तक पर तिलक क्यों लगाना चाहिए -?
तिलक मस्तक पैर दोनों भौहो के बीच नासिका के ऊपर प्रारम्भिक स्थल पर लगाए जाते है।
जो हमारे चिंतन मनन का भी स्थान है। सौभाग्यसूचक द्रव्य जैसे चन्दन , केशर , कुमकुम
आदि का तिलक लगाने से सात्विक एवं तेजपूर्ण होकर आत्मविश्वास में अभूतपूर्ण बृद्धि होती है।
मन में निर्मलता , शांति एवं सयम में बृद्धि होती है।
वैज्ञानिक महत्त्व
ललाट पर तिलक धारण करने से मस्तिक को शांति मिलती है तथा बीटाएंडोरफीन और सेरेटोनिन
नामक रसायनो का स्त्राव संतुलित मात्रा में होने लगता है इन रसायनो की कमी से उदासीनता और
निराशा के भाव पनपने लगते है। अतः तिलक उदासीनता और निराशा से मुक्ति प्रदान करने में
सहायक है। विभिन्न द्रव्यों से बने तिलक की उपयोगिता और महत्ता अलग अलग है।
सामाजिक महत्त्व
समाज में तिलक आप की शोभा बढ़ता है। आपके मुख को लोगो के बिच अलग पहचान दिलाता है। लोगो के आकर्षण का केन्द्र बना रहता है।
घर में किसी शुभ काम के दौरान तिलक लगाने का बहुत महत्त्व है। हम पूजा के दौरान या समारोह में मुख्य अतिथि की भूमिका के रूप में तिलक जरूर लगते है। उस समय हमें तिलक लगवाने में अपने आप में बहुत शोभा महसूस होती है।
तिलक समाज में शौर्य का प्रतिक है। पुराने ज़माने में जब कोई राजा किसी युद्ध के लिए जाता था, तो उसकी रानी उसके विजय कामना के लिए उसे विजय का तिलक लगा कर आरती कर के युद्ध के लिए रवाना करती थी। और विजय हो कर लौटने पर भी विजय तिलक लगाती थी।
अगर किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाया जाता था तो भी राज तिलक की प्रथा भी, जो आज कल रस्म पगड़ी के नाम से जनि जाती है।
आज भी भारत के बहुत बड़े वर्ग में तिलक लगाने का प्रचलन है। कोई किसी को जबरन लगाने को नहीं कहता, सबकी अपनी खुद की इच्छा और अपने मन का आनंद होता है। जो वो खुद अपने आप लगते है।
शुक्रवार, 12 नवंबर 2021
भारतीय व्रत और पर्व
भारतीय पर्व
🙏गोपाष्टमी पर्व 🙏
गोपाष्टमी, ब्रज में भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण जी का अतिप्रिय नाम 'गोविन्द' पड़ा। कार्तिक शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। इसी समय से अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है।
हिन्दू संस्कृति में गाय का विशेष स्थान हैं। माँ का दर्जा दिया जाता हैं क्योंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं। जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिति में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं।
गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौशाला में गो-संवर्धन हेतु गौ पूजन का आयोजन किया जाता है। गौमाता पूजन कार्यक्रम में सभी लोग परिवार सहित उपस्थित होकर पूजा अर्चना करते हैं। गोपाष्टमी की पूजा विधि पूर्वक विद्वान पंडितो द्वारा संपन्न की जाती है। बाद में सभी प्रसाद वितरण किया जाता है। सभी लोग गौ माता का पूजन कर उसके वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक महत्व को समझ गौ-रक्षा व गौ-संवर्धन का संकल्प करते हैं।
शास्त्रों में गोपाष्टमी पर्व पर गायों की विशेष पूजा करने का विधान निर्मित किया गया है। इसलिए कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को प्रात:काल गौओं को स्नान कराकर, उन्हें सुसज्जित करके गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात यदि संभव हो तो गायों के साथ कुछ दूर तक चलना चाहिए कहते हैं ऐसा करने से प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। गायों को भोजन कराना चाहिए तथा उनकी चरण को मस्तक पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है।
एक पौराणिक कथा अनुसार बालक कृष्ण ने माँ यशोदा से गायों की सेवा करनी की इच्छा व्यक्त की कृष्ण कहते हैं कि माँ मुझे गाय चराने की अनुमति मिलनी चाहिए। उनके कहने पर शांडिल्य ऋषि द्वारा अच्छा समय देखकर उन्हें भी गाय चराने ले जाने दिया जो समय निकाला गया, वह गोपाष्टमी का शुभ दिन था। बालक कृष्ण ने गायों की पूजा करते हैं, प्रदक्षिणा करते हुए साष्टांग प्रणाम करते हैं।
इस दिन गाय की पूजा की जाती हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करके गाय के चरण-स्पर्श किये जाते हैं। सुबह गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार किया जाता है। उसका श्रृंगार किया जाता हैं, पैरों में घुंघरू बांधे जाते हैं, अन्य आभूषण पहनायें जाते हैं। गो-माता की परिक्रमा भी की जाती हैं। सुबह गायों की परिक्रमा कर उन्हें चराने बाहर ले जाते हैं। गौ माता के अंगो में मेहँदी, रोली, हल्दी आदि के थापे लगाये जाते हैं। गायों को सजाया जाता है, प्रातःकाल ही धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, रोली, गुड, जलेबी, वस्त्र और जल से गौ-माता की पूजा की जाती है, और आरती उतारी जाती है। पूजन के बाद गौ ग्रास निकाला जाता है, गौ-माता की परिक्रमा की जाती है, परिक्रमा के बाद गौओं के साथ कुछ दूर तक चला जाता है। कहते हैं ऎसा करने से प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। इस दिन ग्वालों को भी दान दिया जाता है। कई लोग इन्हें नये कपड़े दे कर तिलक लगाते हैं। शाम को जब गाय घर लौटती है, तब फिर उनकी पूजा की जाती है, उन्हें अच्छा भोजन दिया जाता है।
विशेष
1. इस दिन गाय को हरा चारा खिलाएँ।
2. जिनके घरों में गाय नहीं है वे लोग गौशाला जाकर गाय की पूजा करें।
3. गंगा जल, फूल चढाये, दिया जलाकर गुड़ खिलाये।
4. गाय को तिलक लगायें, भजन करें, गोपाल (कृष्ण) की पूजा भी करें, सामान्यतः लोग अपनी सामर्थ्यानुसार गौशाला में खाना और अन्य समान का दान भी करते हैं।
"जय जय श्री राधे"
बुधवार, 10 नवंबर 2021
जीवन की शिख
जो बातें विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती ...!
✅ - जीवन उतर चढ़ाव से भरा है इसकी आदत बना लो ।
✅ - लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह नहीं करते , इस लिए पहले खुद को साबित करके दिखाओ ।
✅ - कालेज की पढाई पूरी करने के बाद 5 आकड़े वाली पगार की मत सोचो , एक रात में कोई वाइस प्रेसिडेंट नहीं बनता , इसके लिए अपर मेहनत करनी पड़ती है ।
✅ - अभी आपको अपने शिक्षक सख्त व् डरावने लगते होंगे क्योकि अभी तक आपके जीवन में वॉस नामक प्राणी से पाला नहीं पड़ा ।
✅ - तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है , तुम्हारी पराजय सिर्फ तुम्हारी है , किसी को दोष मत दो , गलती से सीखो और आगे बढ़ो ।
✅ - तुम्हारे माता पिता तुम्हारे जन्म से पहले इतने नीरस और उबाऊ नहीं थे , जितना तुम्हे अभी लग रहा है, तुम्हारे पालन पोषण करने में उन्होंने इतना कष्ट उठाया कि उनका स्वभाव बदल गया ।
✅ - सांत्वना पुरस्कार सिर्फ स्कूल में देखने को मिलता है , कुछ स्कूलों में तो पास होने तक परीक्षा दी जा सकती है , लेकिन बाहर की दुनिया के नियम अलग है , वहा हारने वाले को मौका नहीं मिलता ।
✅ - जीवन के स्कूल में कक्षाए और वर्ग नहीं होते और वहा महीने भर की छुट्टी नहीं मिलती आपको सीखने के लिए कोई समय नहीं देता , यह सब आपको खुद करना होता है ।
✅ - टीवी का जीवन सही नहीं होता और जीवन टीवी के सीरियल नहीं होते , सही जीवन में आराम नहीं होता , सिर्फ काम और काम होता हैं , क्या आपने कभी विचार किया कि लग्जरी क्लास कार ( जगुआर , हम्मर बीएमडब्लू , ऑडी , फेरारी ) का किसी टीवी चैनल पर कभी कोई विज्ञापन क्यों नहीं दिखाया जाता ? कारण यह कि उन कार कम्पनी वालो को यह पता है कि ऐसी कार लेने वाले व्यक्ति के पास टीवी के सामने बैठने का फालतू समय नहीं होता ।
✅ - लगातार पढाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने मित्रो को कभी मत चिढ़ाओ , एक सयम ऐसा आएगा कि तुम्हे उनके निचे काम करना पड़ेगा ।
✅ - लाटरी सिर्फ पैसो होती , जिंदगी में सही इंसान का मिलना भी किसी लाटरी से काम नहीं होता ।
✅ - कर्म बढ़िया होने चाहिए ... क्योकि वक्त किसी का नहीं होता, जरा सी बात से मतलब बदल जाते है । ऊगली उठे तो बेइज्जती, और अंगूठा उठे तो तारीफ, और अगुठे और ऊगली मिले तो लाजवाब, यही तो है जिंगदी का हिसाब।
✅ - तकलीफ किसे कहते है ! जब दिल में कहने को बहुत कुछ हो और जुबान खामोश और समझने वाला कोई ना हो.....
💦💦💧💥💧💦💦
मंगलवार, 2 नवंबर 2021
खेल
खेल
खले हमारे जीवन का बहुत अहम् हिस्सा है। खेल, खेलने से हमारा शरीर और मस्तिष्क चुस्त - दुरुस्त रहता है। हम जीवन के किसी पड़ाव पर हो, अगर खेल का नाम दिमाग में आता है, तो एक बार शरीर में ताजगी आ जाती है, ऐसा लगता है कि हम अभी बच्चे ही है या हम अभी भी खेल सकते है। उम्र कोई भी हो खेल तो मनोरंजन का रूप होता है। जिसे हम जब तक जीते है अनुभव कर सकते है।
खेल का उम्र से कोई लेना देना नहीं होता । आप किसी भी उम्र में खेल सकते है। लेकिन कुछ खेल उम्र के साथ ही ख़त्म हो जाते है। लेकिन आज मै आप को यहाँ उन खेलो के बारे में बताउगा जो, कि हमारे बचपन में हमारे गाँवो में खेले जाते है, कौन से महीने में हम कौन सा खेल, खेलते है। आज मै आपको महीने के हिसाब से खेलो से रूबरू कराऊंगा।
जनवरी महीना
पिट्टू ( SEVEN STONE )
इस महीने में ज्यादातर गांव में बच्चे पिट्टू ( पिट्टू सात पत्थरो का टुकड़ा जो एक टुकड़ा -दूसरे टुकड़े के ऊपर बारी-बारी से ईमारत केआकार में रक्खा होता है ) का खेल खेलते है । यह एक बहुत ही मनोरंजक खेल है।
इस खेल में बच्चो की दो टोली होती है। एक तरफ बच्चो की एक टोली जो एक गेंद लेकर पिट्टू पर फेकने को तैयार रहते है।
तो दूसरी तरफ दूसरी टोली के बच्चे गेंद पकड़ने को तैयार रहते है।
जैसे ही पहली टोली गेंद मार कर पिट्टू को गिराते है और गेंद दूर लुढ़क कर जाती है। तो दूसरी टोली गेंद पकड़ कर पहली टोली को गेंद से मार कर छूने का काम करती है।
उसी दौरान पहली टोली गिरे हुए पिट्टू को फिर से क्रमवार इमार की तरह एक के ऊपर एक कर के लगा देती है।
अगर पहली टोली को पिट्टू तैयार करने से पहले दूसरी टोली ने, गेंद से उनको मार दिया यानि छू लिया तो, खेल में गेंद से पिट्टू को मरने की बारी दूसरी टोली की हो जाती है।
यह खेल बड़ा ही मजेदार होता है।
जनवरी माह में सर्दी होने के कारण बच्चे कपडे ज्यादा पहनते है। जिससे गेंद अगर कोई फेक कर मरता भी है, तो ज्यादा चोट नहीं लगता।
इसे खेलने से एक तो शारीरिक व्यायाम होता है और साथ के साथ मनोरंजन भी होता है ।
शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021
भारतीय ऋषि मुनियो की खोज और उनका महत्व् 🙏🙏
भारतीय ऋषि मुनियो की खोज और उनका महत्व्
प्राचीन भारतीय इतिहास में ऐसे कई उदाहरण है जिस पर हम गर्व महसूस करते हैं । भारत की धरती को ऋषि, मुनि, सिद्ध और देवताओं की भूमि के नाम से पुकारा जाता है। यह कई तरह के विलक्षण ज्ञान व चमत्कारों से अटी पड़ी है। सनातन धर्म वेदों को मानता है। प्राचीन ऋषि-मुनियों ने घोर तप, कर्म, उपासना, संयम के जरिए वेदों में छिपे इस गूढ़ ज्ञान व विज्ञान को ही जानकर हजारों साल पहले कुदरत से जुड़े कई रहस्य उजागर करने के साथ कई आविष्कार किये व युक्तियां बताई। ऐसे विलक्षण ज्ञान के आगे आधुनिक विज्ञान भी नतमस्तक होता है।कई ऋषि-मुनियों ने तो वेदों की मंत्र-शक्ति को कठोर योग व तपोबल से साधकर ऐसे अद्भुत कारनामों को अंजाम दिया कि बड़े-बड़े राजवंश व महाबली राजाओं को भी झुकना पड़ा।
आर्यभट्ट
आर्यभट्ट की गिनती भारत के महानतम खगोल वैज्ञानिकों के रूप में की जाती है उन्होंने उस समय ब्रह्मांड की जानकारी दुनिया के सामने रखी जिस समय दुनिया के लोग ठीक से गिनती गिनना भी नहीं जानते थे आर्यभट्ट उस समय खगोल विज्ञान के प्रकांड पंडित थे हालांकि दुनिया मानती है कि पृथ्वी और सूर्य के सही संबंध के बारे में सबसे पहले बताने वाला इंसान 'निकोलस कॉपरनिकस' था लेकिन आर्यभट्ट ने यह बात कॉपरनिकस से हजारों साल पहले बता दी थी।
महान भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट जी ने शून्य (0) और दशमलव (.) की खोज की थी। यूरोपीय देशों को अंक प्रणाली का ज्ञान अरब देश से प्राप्त हुआ था जबकि अरब देश को यह ज्ञान भारत देश से मिला था।
जरा सोचिए शून्य (0) नहीं होता तो क्या आज हम गणित की कल्पना भी कर सकते थे? डेसिमल या दशमलव नहीं होता तो क्या होता? भारत का 0 अरब में सिफ़र यानी खाली नाम से जाना गया। लैटिन, इटालियन, फ्रेंच से होते हुए अंग्रेजी में यह ज़ीरो (zero) कहलाया।
भास्कराचार्य
दुनिया को गुरुत्वाकर्षण के बारे में सर्व प्रथम भाष्कराचार्य जी ने अवगत कराया था ।
आधुनिक युग में धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति (पदार्थों को अपनी ओर खींचने की शक्ति) की खोज का श्रेय न्यूटन को दिया जाता है। किंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि गुरुत्वाकर्षण का रहस्य न्यूटन से भी कई सदियों पहले भास्कराचार्यजी ने उजागर किया। भास्कराचार्यजी ने अपने ‘सिद्धांतशिरोमणि’ ग्रंथ में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिखा है कि ‘पृथ्वी आकाशीय पदार्थों को विशिष्ट शक्ति से अपनी ओर खींचती है। इस वजह से आसमानी पदार्थ पृथ्वी पर गिरता है’।
आचार्य कणाद
आचार्य कणाद परमाणु की अवधारणा के जनक माने जाते हैं। आधुनिक दौर में अणु विज्ञानी जॉन डाल्टन के भी हजारों साल पहले महर्षि कणाद ने यह रहस्य उजागर किया कि द्रव्य के परमाणु होते हैं।उनके अनासक्त जीवन के बारे में यह रोचक मान्यता भी है कि किसी काम से बाहर जाते तो घर लौटते वक्त रास्तों में पड़ी चीजों या अन्न के कणों को बटोरकर अपना जीवनयापन करते थे। इसीलिए उनका नाम कणाद भी प्रसिद्ध हुआ।
ऋषि विश्वामित्र
ऋषि बनने से पहले विश्वामित्र क्षत्रिय थे। ऋषि वशिष्ठ से कामधेनु गाय को पाने के लिए हुए युद्ध में मिली हार के बाद तपस्वी हो गए। विश्वामित्र ने भगवान शिव से अस्त्र विद्या पाई। इसी कड़ी में माना जाता है कि आज के युग में प्रचलित प्रक्षेपास्त्र या मिसाइल प्रणाली हजारों साल पहले विश्वामित्र ने ही खोजी थी।ऋषि विश्वामित्र ही ब्रह्म गायत्री मंत्र के दृष्टा माने जाते हैं। विश्वामित्र का अप्सरा मेनका पर मोहित होकर तपस्या भंग होना भी प्रसिद्ध है। शरीर सहित त्रिशंकु को स्वर्ग भेजने का चमत्कार भी विश्वामित्र ने तपोबल से कर दिखाया।
ऋषि भारद्वाज
आधुनिक विज्ञान के मुताबिक राइट बंधुओं ने वायुयान का आविष्कार किया। वहीं हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक कई सदियों पहले ही ऋषि भारद्वाज ने विमानशास्त्र के जरिए वायुयान को गायब करने के असाधारण विचार से लेकर, एक ग्रह से दूसरे ग्रह व एक दुनिया से दूसरी दुनिया में ले जाने के रहस्य उजागर किए। इस तरह ऋषि भारद्वाज को वायुयान का आविष्कारक भी माना जाता है।
गर्गमुनि
गर्ग मुनि नक्षत्रों के खोजकर्ता माने जाते हैं। यानी सितारों की दुनिया के जानकार।
ये गर्गमुनि ही थे, जिन्होंने श्रीकृष्ण एवं अर्जुन के बारे में नक्षत्र विज्ञान के आधार पर जो कुछ भी बताया, वह पूरी तरह सही साबित हुआ। कौरव-पांडवों के बीच महाभारत युद्ध विनाशक रहा। इसके पीछे वजह यह थी कि युद्ध के पहले पक्ष में तिथि क्षय होने के तेरहवें दिन अमावस थी। इसके दूसरे पक्ष में भी तिथि क्षय थी। पूर्णिमा चौदहवें दिन आ गई और उसी दिन चंद्रग्रहण था। तिथि-नक्षत्रों की यही स्थिति व नतीजे गर्ग मुनिजी ने पहले बता दिए थे।
महर्षि सुश्रुत
महर्षि सुश्रुतय शल्यचिकित्सा विज्ञान यानी सर्जरी के जनक व दुनिया के पहले शल्यचिकित्सक (सर्जन) माने जाते हैं। वे# शल्यकर्म या आपरेशन में दक्ष थे। महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखी गई ‘सुश्रुतसंहिता’ ग्रंथ में शल्य चिकित्सा के बारे में कई अहम ज्ञान विस्तार से बताया है। इनमें सुई, चाकू व चिमटे जैसे तकरीबन 125 से भी ज्यादा शल्यचिकित्सा में जरूरी औजारों के नाम और 300 तरह की शल्यक्रियाओं व उसके पहले की जाने वाली तैयारियों, जैसे उपकरण उबालना आदि के बारे में पूरी जानकारी बताई गई है। जबकि आधुनिक विज्ञान ने शल्य क्रिया की खोज तकरीबन चार सदी पहले ही की है। माना जाता है कि महर्षि सुश्रुत मोतियाबिंद, पथरी, हड्डी टूटना जैसे पीड़ाओं के उपचार के लिए शल्यकर्म यानी आपरेशन करने में माहिर थे। यही नहीं वे त्वचा बदलने की शल्यचिकित्सा भी करते थे।
आचार्य चरक
चरकसंहिता’ जैसा महत्वपूर्ण आयुर्वेद ग्रंथ रचने वाले आचार्य चरक आयुर्वेद विशेषज्ञ व ‘त्वचा चिकित्सक’ भी बताए गए हैं। आचार्य चरक ने शरीरविज्ञान, गर्भविज्ञान, औषधि विज्ञान के बारे में गहन खोज की। आज के दौर में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियों जैसे डायबिटीज, हृदय रोग व क्षय रोग के निदान व उपचार की जानकारी बरसों पहले ही उजागर कर दी।
इनके द्वारा दी गई जानकारी आज भी कारगर है। गांव में लोग आज भी इनके द्वारा बताए गए उपायों के माध्यम से आपने रोगो का इलाज करते है।
जहा आज भी विज्ञानं की चिकित्सा नहीं है। वहा आज भी लोग इनके द्वारा बताए उपायों का अनुसरण करते है।
पतंजलि
बौद्धयन
महर्षि दधीचि
महर्षि दधीचि महातपोबलि और शिव भक्त ऋषि थे। संसार के लिए कल्याण व त्याग की भावना रख वृत्तासुर का नाश करने के लिए अपनी अस्थियों का दान कर महर्षि दधीचि पूजनीय व स्मरणीय हैं। इस संबंध में पौराणिक कथा है कि
एक बार देवराज इंद्र की सभा में देवगुरु बृहस्पति आए। अहंकार से चूर इंद्र गुरु बृहस्पति के सम्मान में उठकर खड़े नहीं हुए। बृहस्पति ने इसे अपना अपमान समझा और देवताओं को छोड़कर चले गए। देवताओं को विश्वरूप को अपना गुरु बनाकर काम चलाना पड़ा, किंतु विश्वरूप देवताओं से छिपाकर असुरों को भी यज्ञ-भाग दे देता था। इंद्र ने उस पर आवेशित होकर उसका सिर काट दिया। विश्वरूप, त्वष्टा ऋषि का पुत्र था। उन्होंने क्रोधित होकर इंद्र को मारने के लिए महाबली वृत्रासुर पैदा किया। वृत्रासुर के भय से इंद्र अपना सिंहासन छोड़कर देवताओं के साथ इधर-उधर भटकने लगे।
ब्रह्मादेव ने वृत्तासुर को मारने के लिए अस्थियों का वज्र बनाने का उपाय बताकर देवराज इंद्र को तपोबली महर्षि दधीचि के पास उनकी हड्डियां मांगने के लिये भेजा। उन्होंने महर्षि से प्रार्थना करते हुए तीनों लोकों की भलाई के लिए उनकी अस्थियां दान में मांगी। महर्षि दधीचि ने संसार के कल्याण के लिए अपना शरीर दान कर दिया। महर्षि दधीचि की हड्डियों से वज्र बना और वृत्रासुर मारा गया। इस तरह एक महान ऋषि के अतुलनीय त्याग से देवराज इंद्र बचे और तीनों लोक सुखी हो गए।
महर्षि अगस्त्य
वैदिक मान्यता के मुताबिक मित्र और वरुण देवताओं का दिव्य तेज यज्ञ कलश में मिलने से उसी कलश के बीच से तेजस्वी महर्षि अगस्त्य प्रकट हुए। महर्षि अगस्त्य घोर तपस्वी ऋषि थे। उनके तपोबल से जुड़ी पौराणिक कथा है कि एक बार जब समुद्री राक्षसों से प्रताड़ित होकर देवता महर्षि अगस्त्य के पास सहायता के लिए पहुंचे तो महर्षि ने देवताओं के दुःख को दूर करने के लिए समुद्र का सारा जल पी लिया। इससे सारे राक्षसों का अंत हुआ। महर्षि अगस्त एक वैदिक ऋषि थे। ये राजा दशरथ के राजगुरु थे। महर्षि अगस्त्य की गणना सप्त ऋर्षियों में की जाती है। इन्होने अगस्त्यसंहिता नामक ग्रंथ की रचना की। हैरानी की बात है कि इस ग्रंथ में बिजली बनाने की विधि बताई गई है, जो उस समय में किसी अजूबे से कम नहीं थी।
कपिल मुनि
भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक अवतार माने जाते हैं। इनके पिता कर्दम ऋषि थे। इनकी माता देवहूती ने विष्णु के समान पुत्र की चाहत की। इसलिए भगवान विष्णु खुद उनके गर्भ से पैदा हुए। कपिल मुनि 'सांख्य दर्शन' के प्रवर्तक माने जाते हैं। इससे जुड़ा प्रसंग है कि जब उनके पिता कर्दम संन्यासी बन जंगल में जाने लगे तो देवहूती ने खुद अकेले रह जाने की स्थिति पर दुःख जताया। इस पर ऋषि कर्दम देवहूती को इस बारे में पुत्र से ज्ञान मिलने की बात कही। वक्त आने पर कपिल मुनि ने जो ज्ञान माता को दिया, वही 'सांख्य दर्शन' कहलाता है।
इसी तरह पावन गंगा के स्वर्ग से धरती पर उतरने के पीछे भी कपिल मुनि का शाप भी संसार के लिए कल्याणकारी बना। इससे जुड़ा प्रसंग है कि भगवान राम के पूर्वज राजा सगर के द्वारा किए गए यज्ञ का घोड़ा इंद्र ने चुराकर कपिल मुनि के आश्रम के करीब छोड़ दिया। तब घोड़े को खोजते हुआ वहां पहुंचे राजा सगर के साठ हजार पुत्रों ने कपिल मुनि पर चोरी का आरोप लगाया। इससे कुपित होकर मुनि ने राजा सगर के सभी पुत्रों को शाप देकर भस्म कर दिया। बाद के कालों में राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या कर स्वर्ग से गंगा को जमीन पर उतारा और पूर्वजों को शापमुक्त किया।
शौनक ऋषि
वैदिक आचार्य और ऋषि शौनक ने गुरु-शिष्य परंपरा व संस्कारों को इतना फैलाया कि उन्हें दस हजार शिष्यों वाले गुरुकुल का कुलपति होने का गौरव मिला। शिष्यों की यह तादाद कई आधुनिक विश्वविद्यालयों की तुलना में भी कहीं ज्यादा थी।
ऋषि वशिष्ठ
वशिष्ठ ऋषि राजा दशरथ के कुलगुरु थे। दशरथ के चारों पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न ने इनसे ही शिक्षा पाई। देवप्राणी व मनचाहा वर देने वाली कामधेनु गाय वशिष्ठ ऋषि के पास ही थी।
कण्व ऋषि
प्राचीन ऋषियों-मुनियों में कण्व का नाम प्रमुख है। इनके आश्रम में ही राजा दुष्यंत की पत्नी शकुंतला और उनके पुत्र भरत का पालन- पोषण हुआ था। माना जाता है कि उसके नाम पर देश का नाम भारत हुआ। सोमयज्ञ परंपरा भी कण्व की देन मानी जाती है।
बुधवार, 13 अक्तूबर 2021
काश मन को ख़ुशी मिल जाए
सकारात्मक सोच
💢💢💥😓🥬🔥💥💢💢
" सृष्टि" में कितना भी परिवर्तन हो जाए किन्तु, फिर भी हम पूर्ण सुखी नहीं हो सकते है !
परन्तु
दृष्टि अगर थोड़ी सी परिवर्तित हो जाए तो सुखी हो सकते है।
"जैसी दृष्टि -वैसी सोच "
😓😓😓😓😓
सोमवार, 11 अक्तूबर 2021
प्रेरक कहानिया
ऋण क्या है...
"ऋण से मुक्ति" क्या है ?
एक धर्मशाला में पति-पत्नी अपने छोटे-से नन्हें-मुन्ने बच्चे के साथ रुके। धर्मशाला कच्ची थी। दीवारों में दरारें पड़ गयी थीं आसपास में खुला जंगल जैसा माहौल था। पति-पत्नी अपने छोटे-से बच्चे को प्रांगण में बिठाकर कुछ काम से बाहर गये। वापस आकर देखते हैं तो बच्चे के सामने एक बड़ा नाग कुण्डली मारकर फन फैलाये बैठा है। यह भयंकर दृश्य देखकर दोनों हक्के-बक्के रह गये। बेटा मिट्टी की मुट्ठी भर-भरकर नाग के फन पर फेंक रहा है और नाग हर बार झुक-झुककर सहे जा रहा है।
माँ चीख उठी ,
बाप चिल्लायाः-
"बचाओ... बचाओ... हमारे लाड़ले को बचाओ।"
लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गयी। उसमें एक निशानेबाज था। ऊँट गाड़ी पर बोझा ढोने का धंधा करता था।
वह बोलाः "मैं निशाना तो मारूँ, सर्प को ही खत्म करूँगा लेकिन निशाना चूक जाय और बच्चे को चोट लग जाय तो मैं जिम्मेदार नहीं। आप लोग बोलो तो मैं कोशिश करूँ?"
पुत्र के आगे विषधर बैठा है ! ऐसे प्रसंग पर कौन-सी माँ-बाप इनकार करेगे?
वह सहमत हो गये और माँ बोलीः "भाई ! साँप को मारने की कोशिश करो,अगर गलती से बच्चे को चोट लग जायेगी तो हम कुछ नहीं कहेंगे।"
ऊँटवाले ने निशाना मारा। साँप जख्मी होकर गिर पड़ा, मूर्च्छित हो गया। लोगों ने सोचा कि साँप मर गया है। उन्होंने उसको उठाकर बाड़ में फेंक दिया।
रात हो गयी। वह ऊँटवाला उसी धर्मशाला में अपनी ऊँटगाड़ी पर सो गया।
रात में ठंडी हवा चली। मूर्च्छित साँप सचेतन हो गया और आकर ऊँटवाले के पैर में डसकर चला गया। सुबह लोग देखते हैं तो ऊँटवाला मरा हुआ था।
दैवयोग से सर्पविद्या जानने वाला एक आदमी वहाँ ठहरा हुआ था। वह बोलाः "साँप को यहाँ बुलवाकर जहर को वापस खिंचवाने की विद्या मैं जानता हूँ। यहाँ कोई आठ-दस साल का निर्दोष बच्चा हो तो उसके चित्त में साँप के सूक्ष्म शरीर को बुला दूँ और वार्तालाप करा दूँ।
गाँव में से आठ-दस साल का बच्चा लाया गया। उसने उस बच्चे में साँप के जीव को बुलाया।
उससे पूछा गया - "इस ऊँटवाले को तूने काटा है ?" बच्चे में मौजूद जीव ने कहा - "हाँ।"
फिर पूछा कि ,- "इस बेचारे ऊँट वाले को क्यों काटा?"
बच्चे के द्वारा वह साँप बोलने लगाः "मैं निर्दोष था। मैंने इसका कुछ बिगाड़ा नहीं था। इसने मुझे निशाना बनाया तो मैं क्यों इससे बदला न लूँ?"
वह बच्चा तुम पर मिट्टी डाल रहा था उसको तो तुमने कुछ नहीं किया !"
बालक रूपी साँप ने कहा- " बच्चा तो मेरा तीन जन्म पहले का लेनदार है।
तीन जन्म पहले मैं भी मनुष्य था, वह भी मनुष्य था। मैंने उससे तीन सौ रुपये लिए थे लेकिन वापस नहीं दे पाया। अभी तो देने की क्षमता भी नहीं है। ऐसी भद्दी योनियों में भटकना पड़ रहा है,आज संयोगवश वह सामने आ गया तो मैं अपना फन झुका -झुकाकर उससे माफी मांग रहा था। उसकी आत्मा जागृत हुई तो धूल की मुट्ठियाँ फेंक-फेंककर वह मुझे फटकार दे रहा था कि 'लानत है तुझे ! कर्जा नहीं चुका सका....' उसकी वह फटकार सहते-सहते मैं अपना ऋण अदा कर रहा था।
हमारे लेन-देन के बीच टपकने वाला वह ऊँट वाला कौन होता है? मैंने इसका कुछ भी नहीं बिगाड़ा था फिर भी इसने मुझ पर निशाना मारा। मैंने इसका बदल लिया।"
सर्प-विद्या जाननेवाले ने साँप को समझाया, "देखो, तुम हमारा इतना कहना मानों, इसका जहर खींच लो।उस सर्प ने कहा - "मैं तुम्हारा कहना मानूँ तो तुम भी मेरा कहना मानो। मेरी तो वैर लेने की योनि है। और कुछ नहीं तो न सही,मुझे यह ऊँटवाला पाँच सौ रुपये देवे तो अभी इसका जहर खींच लूँ। उस बच्चे से तीन जन्म पूर्व मैंने तीन सौ रुपये लिये थे, दो जन्म और बीत गये, उसके सूद के दौ सौ मिलाकर कुल पाँच सौ लौटाने हैं।
"किसी सज्जन ने पाँच सौ रूपये उस बच्चे के माँ-बाप को दे दिये। साँप का जीव वापस अपनी देह में गया, वहाँ से सरकता हुआ मरे हुए ऊँटवाले के पास आया और जहर वापस खींच लिया। ऊँटवाला जिंदा हो गया।
दोस्तो इस कथा से स्पष्ट होता है कि इतना व्यर्थ खर्च नहीं करना चाहिए कि सिर पर कर्जा चढ़ाकर मरना पड़े और उसे चुकाने के लिए फन झुकाना पड़े, मिट्टी से फटकार सहनी पड़े।
जब तक आत्मज्ञान नहीं होता तब तक कर्मों का ऋणानुबंध चुकाना ही पड़ता है।
अतः निष्काम कर्म करके ईश्वर को संतुष्ट करें। अपने आत्मा- परमात्मा का अनुभव करके यहीं पर, इसी जन्म में शीघ्र ही मुक्ति को प्राप्त करें।
क्या आप जानते है ?.... INTRESTING FACTS
✅- केला खाने का सही समय दोपहर होता है और केले को रात में नहीं खाना चाहिए।
✅- दही खाने का सही समय दिन में माना जाता है और रात में दही नहीं खाना चाहिए।
✅- चावल खाने का सही समय दिन में ही माना जाता है और रात में जितना हो सके खाने से बचे।
✅- गर्म दूध पिने का सही समय रात है , कभी - भी दिन में गर्म दूध नहीं पीना चाहिए।
✅- धरती के केंद्र का तापमान सूरज के तापमान के बराबर होता है।
✅- सूरज की किरणे 8 मिनट 17 सेकण्ड में धरती पर पहुँचती है।
✅- चँद्रमा धरती से हर साल 3.8 सेंटी मीटर दूर होता जा रहा है।
✅- यदि एक पेन्सिल की नोक जितना सूरज पृथ्वी पर आ जाए तो 145 km दूर से ही आपकी जल कर मौत हो जाएगी।
✅- सबसे आमिर देश "क़तर" है।
✅- सबसे लम्बा देश "चिली " है।
✅- सबसे बड़ा देश "रूस" है।
✅- सबसे बड़ा महासागर "प्रशांत महासागर" है।
✅- सबसे शक्तिशाली देश "अमेरिका" है।
✅- सबसे छोटा महाद्वीप "आस्ट्रेलिया" है।
✅- सबसे बड़ा महाद्वीप "एशिया महाद्वीप" है।
✅- दुनिया का सबसे बड़ा मॉल चीन में है।
✅- किस देश के लोग सबसे ज्यादा नास्तिक है ? :- "चीन"
✅- एशिया का मरीज किस देश को कहते है ? :- "चीन"
✅- कंडोम का अविष्कार किस देश में हुआ था ? :- "चीन"
✅- किस देश में आमिर लोग अपने बदले दूसरे लोगो को जेल भेज सकते है ? :- "चीन"
✅- कागजी मुद्रा की शुरुआत करने वाला देश "चीन" है ।
✅- अगर आप चीन की जमीन में किसी जगह गहराई तक खुदाई करे तो आप अर्जेंटाइना या चिली पहुंच जाएगे।
✅- विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान " सहारा रेगिस्तान " है।
✅- विश्व का सबसे ऊचा वाटरफाल "एंजिल जलप्रपात " है।
✅- विश्व का सांसे बड़ा वाटरफॉल " ग्वायरा जलप्रपात " है।
✅- विश्व की सबसे बड़ी नहर "स्वेज नहर" है।
✅- विश्व की सबसे लम्बी नदी " नील नदी " है।
✅- एशिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान "गोबी" है।
✅- दुनिया का सबसे ईमानदार देश "न्यूजीलैंड " है।
✅- दुनिया का सबसे भ्रस्ट देश "सूडान" है।
✅- राष्ट्रगान प्रारम्भ करने वाला पहला देश "जापान" है।
✅- संविधान निर्माण करने वाला पहला देश " अमेरिका " है।
✅- दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश "भारत" है।
✅ - दुनिया में पहली बार कर्फ्यू लगाने वाला देश इंग्लैंड है।
✅ - FM रेडियो को बंद करने वाला पहला देश "नार्वे" है।
✅ - दुनिया में पहली बार लाकडाउन लगाने वाला देश "अमेरिका" है।
✅ - एक कुत्ते के सुघने की क्षमता इंसान से 1000 गुना ज्यादा होती है ।
✅- तक्षशिला विश्वविद्यालय विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय है ।
✅- TIME मैगजीन का पूरा नाम THE INTERNATIONAL
MAGAZINE OF EVENTS है।
✅- धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने वाला देश " भूटान " है ।
✅- एक सिगरेट के धुए से व्यक्ति के जीवन का 11 मिनट जीवन काम हो जाता है ।
✅अगर हम भोजन करके हज़ार कदम डोलते है तो हमारी कई बीमारीया दूर हो जाती है।
श्याम भजन और कथा
जय श्री श्याम
ठाकुर जी ने कहा -:-
कुछ मांगों।
मैंने उनसे उन्हें ही मांग लिया।
ठाकुर जी ने कहा -:-
मुझे नहीं, कुछ और मांगों।
मैंने कहा -:-
राधा के श्याम दे दो।
ठाकुर जी ने कहा -:-
अरे बाबा, मुझे नहीं कुछ और मांगों।
मैंने कहा -:-
मीरा के गिरिधर दे दो।
ठाकुर जी ने फिर कहा -:-
तुम्हें बोला ना कुछ और मांगों।
मैंने कहा -:-
अर्जुन के पार्थ दे दो।
अब तो ठाकुर जी ने पूछना ही बंद कर दिया।
केवल इशारे से बोले :-
कुछ और।
-:- अब तो मैं भी शुरू हो गया -:-
यशोदा मईया का लल्ला दे दो।
गईया का गोपाल दे दो।
सुदामा का सखा दे दो।
जना बाई के विठ्ठल दे दो।
हरिदास के बिहारी दे दो।
सूरदास के श्रीनाथ दे दो।
तुलसी के राम दे दो।
ठाकुर जी पूछ रहे है -:-
तेरी सूई मेरे पे ही आके
क्यों अटकती हैं ?
मैंने भी कह दिया -:-
क्या करूँ प्यारे।
जैसे घड़ी का सैल जब खत्म होने वाला होता है तो उसकी सूई एक ही जगह खडी-खडी, थोड़ी-थोड़ी हिलती रहती हैं।बस ऐसा ही कुछ मेरे जीवन का हैं। श्वास रूपी सैल पता नहीं कब खत्म हों जायें।
संसार के चक्कर काट-काट कर सैकड़ों बार तेरे पास आया।लेकिन अपने मद्ध मे चूर फिर वापिस लौट गया।
परन्तु अब नहीं प्यारे।
अब और चक्कर नहीं।
अब तो केवल तुम।
हाँ तुम।
सिर्फ तुम।
तुम , तुम और सिर्फ़ तुम...
┈┉══❀((जय श्री कृष्णा))❀══┉┈
शनिवार, 9 अक्तूबर 2021
नव दुर्गा के रूप और उनकी महिमा
नव-दुर्गा
नव दुर्गा के रूप और उनकी महिमा
शैलपुत्री 💦
नवरात्रि के प्रथम दिन में, माता के प्रथम रूप में, माता शैलपुत्री का पूजन होता है ।
पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
परिवार
पापा
मेरे प्यारे पापा
आप के बिना सब कुछ अधूरा है .......
आप की याद बहुत आती है ,
आप साथ तो नहीं हो ....
लेकिन हर पल आपके साथ होने के अनुभव का ,
एहसास कर लेता हूँ।
सब के सामने रो तो नहीं सकता
लेकिन अकेले में जी भर कर रो लेता हूँ।
भूल तो नहीं पाऊगा आपको ,
लेकिन जब तक जिंदगी है तब तक आपकी
याद सताती रहेगी ....प्यारे पापा ....
मेरे प्यारे पापा जी .........
Note : - पिता बनने पर छुट्टी देने वाला पहला देश "जापान" हैं .
मंगलवार, 5 अक्तूबर 2021
रोचक जानकारिया
रोचक जानकारिया 👎
क्या आप जानते है कि दुनिया में ऐसी बहुत सी जानकारिया है जिनके बारे में हम नहीं जानते है। आज मै आप लोगो से ऐसी ही कुछ जानकारिया साझा करूगा।
क्या आप को पता है, हम जैसा सोच सकते है वैसा 99% तक होना संभव है। हमारी सोच के आगे भी दुनिया है, जिसके बारे में हमें पता नहीं है।
पक्षियों में कौआ सबसे बुद्धिमान पक्षी माना जाता है।
उत्तर -पूर्वी केन्या में एक मादा और उसके बच्चे को शिकारियों द्वारा मारे जाने के बाद केन्या के इशाकबिनी कंजर्वेशन में दुनिया का एकलौता सफ़ेद जिराफ बचा है। जिसे शिकारियों से बचाए जाने और इसकी पोजीशन की जानकारी रखने के लिए इसके शरीर पर जीपीएस का इस्तेमाल भी किया गया है।
इग्लैंड की जय एंड्रयू एक ऐसी महिला है जिन्होंने जर्मनी में नाजी हत्या का प्रयास , लीबिया में एक विमान दुर्घटना , स्तन कैंसर और कोरोना वायरस जैसे बड़े हादसों और बीमारियों को मात देकर अपना 100 वा जन्मदिन मनाया है। साथ ही जन्मदिन के उपलक्ष पे रानी का कार्ड भी मिला है।
पबजी मोबाइल इंडिया ने इंडियन वर्जन को लांच करने के लिए भारत में ऑफिशियल रजिस्ट्रेशन हो चुका है जिसके लिए पबजी ने "पबजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड" के नाम से एक लोकल कम्पनी खोलकर मिनिस्ट्री आफ कॉर्पोरेट अफेयर से 21 नवम्बर के दिन बेंगलुरु में कम्पनी का रजिस्ट्रशन सफलतापूर्वक करा लिया है।
हूपर हंस, यह बहुत बड़ा हंस है, जो लगभग 27000 फीट की ऊचाई पर उड़ने में सक्षम है। यह दिखने में बहुत ही शानदार होता है।
भारत में 10 हजार शादियों में से एक ही तलाक होता है, जो कि अन्य देशो के मुकाबले बहुत काम है ।
सारस दुनिया का सबसे लम्बा पक्षी है जो उड़ सकता है। सारस केवल भारत में ही पाया जाता है।
💧💧💧भारत के प्रसिद्ध ग्यारह संत और उनके चमत्कार
भारत के प्रसिद्ध ग्यारह संत और उनके चमत्कार 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ बचपन से आप सुनते आये होंगे कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ा, तब-तब भ...
-
पापा मेरे प्यारे पापा आप के बिना सब कुछ अधूरा है ....... आप की याद बहुत आती है , आप साथ तो नहीं हो .... लेकिन हर पल आपके साथ होने के ...
-
रोचक जानकारिया 👎 क्या आप जानते है कि दुनिया में ऐसी बहुत सी जानकारिया है जिनके बारे में हम नहीं जानते है। आज मै आप लोगो से ऐसी ही कुछ ...
-
सुनहरी यादें 😓😓😇 बिल्ली - 🐹 और चूहा 🐀 बिल्ली 🐹 मौसी चली बनारस लेकर झोला डंडा, गंगा तट...
-
तिलक मस्तक पर तिलक क्यों लगाना चाहिए - ? मस्तक पर तिलक जहा लगाया जाता है। वहा आत्मा अर्थात हम स्वयं स्थित होते है। तिलक मस्तक पैर द...
-
मेरा बनारस गंगा के घाटों की रौनक , जैसे एक सपना सा लगता है । अनजान कोई भी हो , बनारस सब को अपना सा ही लगता है ।। ......... 💦💦💗💦💦
-
सकारात्मक सोच 💢💢💥😓🥬🔥💥💢💢 " सृष्टि" में कितना भी परिवर्तन हो जाए किन्तु, फिर भी हम पूर्ण सुखी नहीं हो सकते है ! परन्त...
-
भारतीय ऋषि मुनियो की खोज और उनका महत्व् प्राचीन भारतीय इतिहास में ऐसे कई उदाहरण है जिस पर हम गर्व महसूस करते हैं । भारत की ...
-
जय श्री श्याम ठाकुर जी ने कहा -:- कुछ मांगों। मैंने उनसे उन्हें ही मांग लिया। ठाकुर जी ने कहा -:- मुझे नहीं, कुछ और मांगों। मैंने कहा -...
-
💥 रोजाना सुबह 💥 सुबह जल्दी उठ कर भिगोए हुए :- (आधा चम्मच सौंफ एक चम्मच पर्ल जौ साथ में 5 या 6 करी पत्ता ) साथ में एक चम्मच विट...
-
भारतीय पर्व 🙏 गोपाष्टमी पर्व 🙏 गोपाष्टमी, ब्रज में भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण ...