बुधवार, 28 दिसंबर 2022

पैसा क्यों कमाना पड़ता है !

 पैसा $ क्यों कमाना पड़ता है ! 


1  - जब आपको भोजन चाहिए तो पैसा कमाना पड़ेगा !
2 - जब आपको कपड़े चाहिए तो पैसा कमाना पड़ेगा !
3 - जब बच्चो के सपने पुरे करने हो तो पैसा कमाना पड़ेगा !
4 - जब बीबी को खुश रखना है तो पैसे कमाना पड़ेगा !
5 - जब लोगो से प्रतिष्पर्धा करोगे तो पैसा कमाना पड़ेगा !
6 - जब अपनों को खुश रखना है , तो पैसा कमाना पड़ेगा !
7 - अपनी अनंत इच्छाओ को पूरा करने के लिए पैसा कमाना पड़ेगा !
8 - इस दुनिया से उस दुनिया तक पैसा ले नहीं जा सकता , 
      पर आप को सारी दुनिया घूमने के लिए पैसा कमाना पड़ेगा !
9 - मन और सोच पैसे से परे है , फिर भी जहान के हर सुख और वैभव को पाने के लिए पैसा कमाना          पड़ेगा !
10 - दुनिया में रह कर आप को पैसे का गुलाम बन कर रहना पड़ेगा, आप इसकी माया से नहीं बच       सकते, इसी माया को पाने के लिए पैसा कमाना पड़ेगा !


वाह रे पैसा!तेरे कितने नाम?

मंदिर मे दिया जाये तो ( चढ़ावा )
स्कुल में ( फ़ीस )
शादी में दो तो ( दहेज )
तलाक देने पर ( गुजारा भत्ता )
आप किसी को देते हो तो ( कर्ज )
अदालत में ( जुर्माना )
सरकार लेती है तो ( कर )
सेवानिवृत्त होने पे ( पेंशन )
अपहर्ताओ के लिए ( फिरौती )
होटल में सेवा के लिए ( टिप )
बैंक से उधार लो तो ( ऋण )
श्रमिकों के लिए ( वेतन )
मातहत कर्मियों के लिए ( मजदूरी )
अवैध रूप से प्राप्त सेवा ( रिश्वत )
और मुझे दोगे तो...(गिफ्ट)

मैं पैसा हूँ:!
मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते;मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।

मैं पैसा हूँ:!
मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।

मैं पैसा हूँ:!
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।

मैं पैसा हूँ:!
मैं नमक की तरह हूँ। जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।

मैं पैसा हूँ:!
इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था;मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।

मैं पैसा हूँ:!
मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।

मैं पैसा हूँ:!
मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ!आपके पास नहीं हूँ तो,आपका नहीं हूँ! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।

मैं पैसा हूँ:!
मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ;मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।

मैं पैसा हूँ:!
मैं सारे फसाद की जड़ हूँ;मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं?
 
                
एक सच्चाई ये भी है कि.........
बदलता हुआ दौर है साहब ...पहले "आयु" में बड़े का सम्मान होता था...!अब "आय" में बड़े का सम्मान  होता है।
लेकिन आप यह न भूले इसके साथ साथ परम धन हरी का नाम न छूटे नही तो कली का प्रभाव आपके ऊपर हावी हो जायेगा और कफन मे भी जेब नही होती



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